सवानेह हयात
कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.) सरकार ,जोबट शरीफ जिला अलीराजपुर ,मध्यप्रदेश ,इंडिया
नाम – आपका नाम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन (रजी.) हैं ,आपका लकब बादशाह मियाँ हैं ।
खानदान- आप मध्य भारत के मशहूर वली गौसुल आलम हज़रत सय्यद हाफिज़ बहादुर अली शाह (रजी.) सरकार के पोते हैं ,आप गौसुल आलम हज़रत सय्यद हाफिज़ बहादुर अली शाह (रजी.)सरकार के सगे भतीजे कुतबुल आक़ताब हज़रत सय्यद हाफिज़ अब्दुल मजीद शाह (रजी.)सरकार के बेटे हैं । आप सय्यद हैं ।
वतन – आप की पैदाइश जोबट जिला झाबुआ में हुई।आपके वालिद कुतबुल आक़ताब हज़रत सय्यद हाफिज़ अब्दुल मजीद शाह (रजी.)सरकार उत्तर भारत के एक शहर अम्बेठा के रहने वाले हैं ,बाद मैं आपके वालिद कुतबुल आक़ताब हज़रत सय्यद हाफिज़ अब्दुल मजीद शाह (रजी.)सरकार अम्बेठा से जोबट आगए। कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.)सरकार जिन्दिगी भर जोबट में ही रहें ।
बैअत व खिलाफत – कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.)सरकार को आपके वालिद कुतबे आक़ताब हज़रत सय्यद हाफिज़ अब्दुल मजीद शाह (रजी.)सरकार से सिलसिलाए आलिया चिश्तिया कादरिया निज़मिया फखरिया सुलेमानिया की खिलाफत मिली हैं ।
करामात – हुज़ूर कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.)सरकार से हजारों करामाते जाहिर हुई ।
जबलपुर शहर के एक मोहल्ला जिसका नाम चाँदनी चौक हैं ,वहाँ पर एक मकान था जिसका नाम शेर खाँ का बाड़ा था ,इस मकान में एक जिन्नात रहता था जोकिं इस मकान में रहने वाले लोगों को परेशान करता था , इस जिन्नात को भगाने की बहुत कोशिशे की इस मकान में रहने वाले लोगों ने लेकिन यह जिन्नात नहीं भागा, इस मकान में रहने वाले लोगों ने हजरत की दावत की, जब हजरत इस मकान में पहुंचे तो वह जिन्नात आपके सामने जाहिर हुआ फिर हजरत ने इस जिन्नात को हमेशा के लिए खत्म कर दिया |
विसाल – कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.)सरकार का विसाल 19 सफ़र को 1405 हिजरी में जोबट शरीफ में हुआ। जोबट शरीफ में आपकी दरगाह हैं ।
कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.) सरकार ,जोबट शरीफ जिला अलीराजपुर ,मध्यप्रदेश ,इंडिया
नाम – आपका नाम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन (रजी.) हैं ,आपका लकब बादशाह मियाँ हैं ।
खानदान- आप मध्य भारत के मशहूर वली गौसुल आलम हज़रत सय्यद हाफिज़ बहादुर अली शाह (रजी.) सरकार के पोते हैं ,आप गौसुल आलम हज़रत सय्यद हाफिज़ बहादुर अली शाह (रजी.)सरकार के सगे भतीजे कुतबुल आक़ताब हज़रत सय्यद हाफिज़ अब्दुल मजीद शाह (रजी.)सरकार के बेटे हैं । आप सय्यद हैं ।
वतन – आप की पैदाइश जोबट जिला झाबुआ में हुई।आपके वालिद कुतबुल आक़ताब हज़रत सय्यद हाफिज़ अब्दुल मजीद शाह (रजी.)सरकार उत्तर भारत के एक शहर अम्बेठा के रहने वाले हैं ,बाद मैं आपके वालिद कुतबुल आक़ताब हज़रत सय्यद हाफिज़ अब्दुल मजीद शाह (रजी.)सरकार अम्बेठा से जोबट आगए। कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.)सरकार जिन्दिगी भर जोबट में ही रहें ।
बैअत व खिलाफत – कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.)सरकार को आपके वालिद कुतबे आक़ताब हज़रत सय्यद हाफिज़ अब्दुल मजीद शाह (रजी.)सरकार से सिलसिलाए आलिया चिश्तिया कादरिया निज़मिया फखरिया सुलेमानिया की खिलाफत मिली हैं ।
करामात – हुज़ूर कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.)सरकार से हजारों करामाते जाहिर हुई ।
जबलपुर शहर के एक मोहल्ला जिसका नाम चाँदनी चौक हैं ,वहाँ पर एक मकान था जिसका नाम शेर खाँ का बाड़ा था ,इस मकान में एक जिन्नात रहता था जोकिं इस मकान में रहने वाले लोगों को परेशान करता था , इस जिन्नात को भगाने की बहुत कोशिशे की इस मकान में रहने वाले लोगों ने लेकिन यह जिन्नात नहीं भागा, इस मकान में रहने वाले लोगों ने हजरत की दावत की, जब हजरत इस मकान में पहुंचे तो वह जिन्नात आपके सामने जाहिर हुआ फिर हजरत ने इस जिन्नात को हमेशा के लिए खत्म कर दिया |
विसाल – कुतबे आलम हज़रत सय्यद महमूदुल हसन बादशाह मियाँ (रजी.)सरकार का विसाल 19 सफ़र को 1405 हिजरी में जोबट शरीफ में हुआ। जोबट शरीफ में आपकी दरगाह हैं ।